tag:blogger.com,1999:blog-8995818778399300433.post8359322919805109602..comments2023-07-25T01:58:07.788-07:00Comments on एक गली जहाँ मुड़ती है: बूढ़ा पेड़प्रज्ञा पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/05821641995349337607noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-8995818778399300433.post-4727124814999231712012-06-24T23:55:51.299-07:002012-06-24T23:55:51.299-07:00पेड़ की भावनओं को बहुत गहराई से प्रस्तुत किया है .....पेड़ की भावनओं को बहुत गहराई से प्रस्तुत किया है ...बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।K-LINK HEALTHCAREhttps://www.blogger.com/profile/08346999369699354631noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8995818778399300433.post-8200809110963426242010-04-05T08:20:30.670-07:002010-04-05T08:20:30.670-07:00सवेंदनशील रचना अच्छी लिखी हुई। सच है पेड़ के दर्द ...सवेंदनशील रचना अच्छी लिखी हुई। सच है पेड़ के दर्द को कौन जाने जैसे बुढे आदमी के दर्द को कौन जाने? कुछ ऐसा ही हमने भी लिखा था पेड़ के दर्द पर।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8995818778399300433.post-36815812498103578822010-04-05T04:01:40.648-07:002010-04-05T04:01:40.648-07:00bahut khoob!!!bahut khoob!!!shalinihttps://www.blogger.com/profile/01476686126617625049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8995818778399300433.post-27185536704086762172010-04-04T07:32:43.830-07:002010-04-04T07:32:43.830-07:00आपकी कविता पढ़ कर राही मासूम राजा के नीम का पेड़ क...आपकी कविता पढ़ कर राही मासूम राजा के नीम का पेड़ की याद आ गई।हमें पेड़ों के लिए भी समय निकालना होगा,उनका दर्द समझना होगा,उन्हे बचाना होगादिव्यांशुhttps://www.blogger.com/profile/12759806955426030408noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8995818778399300433.post-60792132490530402832010-04-03T06:26:55.630-07:002010-04-03T06:26:55.630-07:00अडिग, बेफिक्र.....यहाँ बेफिक्र और अंत में सोचता है...अडिग, बेफिक्र.....यहाँ बेफिक्र और अंत में सोचता है....कि.....विरोधाभास है रचना में....बेफिक्र शब्द के बदले बेबस या कुछ और लगा कर देखें.<br /><br /><br />निवेदन मात्र है. <br /><br />रचना आपकी है और बेहतरीन है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8995818778399300433.post-66368301078447095292010-04-03T05:57:16.477-07:002010-04-03T05:57:16.477-07:00बहुत खूब ....पेड़ की भावनओं को बहुत गहराई से प्रस्त...बहुत खूब ....पेड़ की भावनओं को बहुत गहराई से प्रस्तुत किया है .Devhttps://www.blogger.com/profile/05009376638678868909noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8995818778399300433.post-19475715060811399182010-04-02T23:51:38.661-07:002010-04-02T23:51:38.661-07:00बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8995818778399300433.post-27138325499481089432010-04-02T23:50:31.330-07:002010-04-02T23:50:31.330-07:00किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया...किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com