सरकार की योजनाओ का
विषय है आम आदमी
अर्थशास्त्रियो के अध्ययन का
विषय है आम आदमी
बजट में चर्चा का विषय
है आम आदमी
धरनों,रैलियों और प्रदर्शनों में
जूझता है आम आदमी
नेताओ के भाषण का सार
है आम आदमी
मीडिया में विवाद का केंद्र बिंदु
है आम आदमी
महानगरो,शहरो,कस्बो में
है आम आदमी
चारो तरफ है आम आदमी
लेकिन आम आदमी है कौन ?
कैसा है वो ?
कोई चेहरा,कोई शक्ल,कोई आवाज
पता नहीं ?
शायद वह जो खास से अलग है
खोज रही हूँ मै उसे .........
अंधाधुंध आधुनिकता और वैश्वीकरण
के दौर में ......
जो शायद किसी मोड़ पर मिल जाए
वह आम आदमी .........
एक गली जहाँ मुड़ती है,वहा रुक कर एक बार हम सोचते हैं अपने,अपनों और दुनिया के बारे में ...........,बस यही कुछ बाते आपसे बाँटना चाहती हूँ ..........

शुक्रवार, 26 मार्च 2010
मंगलवार, 23 मार्च 2010
उदासी
मै उदास हूँ,
अकेली हूँ, बिल्कुल अकेली
कोई नहीं है मेरे पास
सोचती हूँ मै ही बस अकेली
नहीं,शायद नहीं
यह जो दोपहर है, तपती दोपहर
वह भी तो है अकेली,
बिल्कुल मेरी तरह.......
कितनी ही समानताये है
मुझमे और दोपहर में
दोनों ही जल रही है........
तप रही है .......
मै भी तो जल रही हूँ
अपनी इच्छाओ और भावनाओ में ......
इच्छाए जो जीने नहीं देती
भावनाए जो अपने होने का अहसास कराती है ,
दोपहर को है शाम का इंतजार
मुझे भी तो है इंतजार
उस क्षण का जब
कोई हलचल नहीं होगी ,
मै शांत,बिल्कुल शांत ......
भावनारहित, इच्छारहित,
शायद मुक्त,बिल्कुल मुक्त
कोई बंधन नहीं है .......
उस क्षण की प्रतीक्षा में ......
अकेली हूँ, बिल्कुल अकेली
कोई नहीं है मेरे पास
सोचती हूँ मै ही बस अकेली
नहीं,शायद नहीं
यह जो दोपहर है, तपती दोपहर
वह भी तो है अकेली,
बिल्कुल मेरी तरह.......
कितनी ही समानताये है
मुझमे और दोपहर में
दोनों ही जल रही है........
तप रही है .......
मै भी तो जल रही हूँ
अपनी इच्छाओ और भावनाओ में ......
इच्छाए जो जीने नहीं देती
भावनाए जो अपने होने का अहसास कराती है ,
दोपहर को है शाम का इंतजार
मुझे भी तो है इंतजार
उस क्षण का जब
कोई हलचल नहीं होगी ,
मै शांत,बिल्कुल शांत ......
भावनारहित, इच्छारहित,
शायद मुक्त,बिल्कुल मुक्त
कोई बंधन नहीं है .......
उस क्षण की प्रतीक्षा में ......
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