'रिमझिम रिमझिम बरसे बदरी 'रेडियो पर इस गीत को सुनकर और खिड़की से बाहर की रिमझिम फुहारों को देख सावन के आने का अहसास होता है ......
सावन ज्येष्ठ की तपती गर्मी और आषाढ़ की उमस के बाद हल्की ठंडी बयार लेकर आता है जो सभी के लिए सुखद अहसास होता है .सावन की ठंडक न केवल तन को राहत देती है बल्कि मन को भी शांत करती है ....सावन के आते ही जब मौसम खुशनुमा होता है तो हमारे जीवन में अनेक तीज त्यौहार भी आते है जिनमे स्त्री और पुरुष दोनों भाग लेते है .....
सावन का महीना महिलाओ के लिए खास होता है क्यूकि इस महीने विवाहित महिलाये आपने मायके आती है .......मायके आकर वह तरह तरह के उत्सवो में भाग लेती है ......उत्तर भारत में सावन के महीने में तीज ,नागपंचमी एवं सावन के सोमवार जैसे उत्सव उत्साह पूर्वक मनाये जाते है
तीज का त्यौहार महिलाओ के लिए खास होता है .इसका न केवल जलवायाविक महत्व होता है बल्कि यह धार्मिक एवं सामाजिक दृष्टी से भी विशेष महत्व रखता है .तीज का पर्व भगवान शिव पार्वती के श्रद्धा के प्रति समर्पित है .यह पर्व पत्नियों द्वारा पतियों के प्रति बलिदान को प्रदर्शित करता है .
पूरे देश में तीज का त्यौहार मनाया जाता है .हरियाली तीज ,कजरारी तीज एवं हरितालिका तीज तीन रूपों में मनाई जाती है .सावन के शुक्ल पक्ष में हरियाली तीज मनाई जाती है .इस अवसर पर चाँद की पूजा दूध, दही और फूलो से की जाती है
इसके अतिरिक्त कजरारी तीज सावन के कृष्ण पक्ष की तृतीया को यह त्यौहार मनाया जाता है .इस अवसर पर महिलाये नीम की पूजा कर नाचती एवं गाती है .हरितालिका तीज भादो में प्रथम पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है .इस अवसर पर महिलाये 'निर्जला व्रत 'रखती है .यह व्रत महिलाये आपने पति की दीर्घायु के लिए रखती है .यह व्रत न केवल विवाहित महिलाये बल्कि अविवाहित महिलाये भी रखती है .इस अवसर पर उनके ससुराल से तरह तरह के तोहफे आते है ....जिनका वो आनंद उठाती है .......
4 टिप्पणियां:
बहुत अच्छी पोस्ट।
पहले रक्षाबन्धन पर्व सिर्फ बहन-भाई के रिश्तों तक ही सीमित नहीं था, अपितु आपत्ति आने पर अपनी रक्षा के लिए अथवा किसी की आयु और आरोग्य की वृद्धि के लिये किसी को भी रक्षा-सूत्र (राखी) बांधा या भेजा जा सकता था।
tiz bahut mahan parv hai...
बहुत दिनों के बाद ब्लॉग पर आपको वापस देखकर अच्छा लगा।
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