शुक्रवार, 26 मार्च 2010

आम आदमी

सरकार की योजनाओ का
विषय है आम आदमी
अर्थशास्त्रियो के अध्ययन का
विषय है आम आदमी
बजट में चर्चा का विषय
है आम आदमी
धरनों,रैलियों और प्रदर्शनों में
जूझता है आम आदमी
नेताओ के भाषण का सार
है आम आदमी
मीडिया में विवाद का केंद्र बिंदु
है आम आदमी
महानगरो,शहरो,कस्बो में
है आम आदमी
चारो तरफ है आम आदमी
लेकिन आम आदमी है कौन ?
कैसा है वो ?
कोई चेहरा,कोई शक्ल,कोई आवाज
 पता नहीं ?
शायद वह जो खास से अलग है
खोज रही हूँ मै उसे .........
अंधाधुंध आधुनिकता और वैश्वीकरण
  के दौर में ......
जो शायद किसी मोड़ पर मिल जाए
वह आम आदमी .........

मंगलवार, 23 मार्च 2010

उदासी

मै  उदास  हूँ,
अकेली हूँ, बिल्कुल अकेली
कोई नहीं है मेरे पास
सोचती हूँ मै ही बस अकेली
नहीं,शायद नहीं
यह जो दोपहर है, तपती दोपहर
वह भी तो है अकेली,
बिल्कुल मेरी तरह.......
कितनी ही समानताये है
मुझमे और दोपहर में
दोनों ही जल रही है........
तप रही है .......
मै भी तो जल रही हूँ
अपनी इच्छाओ और भावनाओ में ......
इच्छाए जो जीने नहीं देती
भावनाए जो अपने होने का अहसास कराती है ,
दोपहर को है शाम का इंतजार
मुझे भी तो है इंतजार
उस क्षण का जब
कोई हलचल नहीं होगी ,
मै शांत,बिल्कुल शांत ......
भावनारहित, इच्छारहित,
शायद मुक्त,बिल्कुल मुक्त
कोई बंधन नहीं है .......
उस क्षण की प्रतीक्षा में ......