पिछले दिनों इंटरनेट को नोबल के शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया.यह अफवाह नहीं बल्कि सच है .यह नोबल पुरस्कार के इतिहास में यह पहली घटना है जब किसी निर्जीव या गैर मानव को नामांकित किया गया है ......
यह बात थोड़ी अजीब है कि इंटरनेट को नोबल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है .........वैसे हमे यह नहीं भूलना चाहिए की यह केवल एक व्यक्ति से न जुड़कर धरती पर रहने वाले प्रत्येक जीव से जुड़ा है .इंटरनेट ने विश्व में क्रान्तिकारी परिवर्तन किए है. इसे हम एक वृहद समुदाय के रूप में देख सकते है जिसमे विभिन्न धर्मो के स्त्री पुरुष आपस में वार्तालाप करते है ......................
इंटरनेट ने बात करने के तौर तरीको को निश्चय ही बदला है .इंटरनेट ने न केवल विश्व में क्रान्तिकारी परिवर्तन किए है बल्कि सभी भोगौलिक सीमाओ को भी समाप्त किया है .इंटरनेट ने एक नई संस्कृति को जन्म दिया है जहा बिना किसी भेदभाव के ज्ञान का आदान प्रदान होता है.............
वैसे तो इंटरनेट ने प्रसिद्ध विचारक मार्शल मैक्लुहान की ग्लोबल विलेज की अवधारणा को चरितार्थ कर नई क्रांति पैदा की है लेकिन परेशानिया भी कम नहीं है .................नोबल का शांति पुरस्कार किसे मिलेगा यह एक तकनीकी प्रश्न है ?..................
इंटरनेट ने जहा ज्ञान वर्धन का कार्य किया है वही इसने हमारे घरो में अश्लीलता को कितनी आसानी से परोसा है .हमारे किशोरों को समय से पहले व्यस्क बनाने में कोई क़सर नहीं छोड़ी है .......................
आप इस नामांकन के बारे में क्या सोचते है ?इंटरनेट ने आपकी जीवन शैली को किस प्रकार परिवर्तित किया है ?...............यह एक प्रश्न है आपके समक्ष कमेन्ट के जरिये आप इसे अभिव्यक्त कर सकते है ..................
3 टिप्पणियां:
रोचक जानकारी दी है धनयवाद।
बहुत बढ़िया जानकारी दिया आपने ......दुनिया में किसी भी चीज़ का इजाद किया जाता है तो उसे अच्छे कामो के प्रयोग के लिया किया जाता है ....ये तो दुर्भाग्य है की इजाद हुई चीज़ क प्रयोग गलत तरीके से किया जाता है . यही बात इन्टरनेट के लिए लागू हुई .
Maaf kijiyga kai dino busy hone ke kaaran blog par nahi aa skaa
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